“कभी-कभी तुम मौन हो जाते हो.
लगता है यही मौन हिमालय की पहाड़ियों में होगा,
जहाँ अनेक वर्षों तक तपस्वी साधना में लीन रहे होंगे.
पर, तुम्हारा मौन मुझे विकल कर देता है.
‘प्रेम’ में मौन नहीं झंकार होनी चाहिए.
इसलिए सुनो कुछ कहो……….“
कांच सी एक लड़की-2