
“जादू किसे कहते हैं
मालूम नहीं था
तुमसे मिली तब ही जाना
कुछ पल होते हैं
जो जादुई होते हैं
तुम जैसे लोग, इन पलों में
जादू भर देते हैं.
तभी तो गर्मी की दोपहर भी
ठंढी महसूस होती है
और
सर्द शामें भी गर्म लगती हैं.
सचमुच,
जादू सा लगता है सब
रात अँधेरे में जब रौशनी चमकती है.
मैंने जाना जादू किसे कहते हैं”
कांच सी एक लड़की-11