“तुम्हारे आने-जाने की खबर यूं मिलती है
जैसे सुबह अखबार के साथ आयी हो
बासी, पुरानी, रोमांच रहित।
चाय की गर्म प्याली के
ठंडी होने तक
पढ़ी जाने वाली कोई खबर,
जो समझ में ना आने पर भी,
बार-बार पढ़ी जाए।
बाद उसके पुरानी स्मृतियों का
एक-एक करके जेहन में उभरना।
जैसे किसी बीमारी का
उन्मूलन के बाद भी पाया जाना।“
कांच सी एक लड़की-10