kanch si ek ladki – 5By Pratiksha K Singh / November 6, 2024 “कभी-कभी तेरी यादें बेचैन रातों के बाद बिस्तर पर पड़ी सिलवटों सी लगती हैं, जिन्हें हर बार झाड़ कर समेट लेने का मन करता है इसी कोशिश में यादें धुंधली होती जा रही हैं बेडशीट के रंग की तरह” कांच सी एक लड़की-5