kanch si ek ladki – 13
“सूरज की पहली किरण सा होता है बचपन.. और बचपन सा होता है हर नया दिन.. डगमगाते क़दमों से गिरता-संभालता […]
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“सूरज की पहली किरण सा होता है बचपन.. और बचपन सा होता है हर नया दिन.. डगमगाते क़दमों से गिरता-संभालता […]
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“रिश्ता कुछ उलझा-उलझा सा रहा तुमसे, प्यार और नफरत के बीच की महीन रेखा के पार…. हर बार चले जाते
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“जादू किसे कहते हैं मालूम नहीं था तुमसे मिली तब ही जाना कुछ पल होते हैं जो जादुई होते हैं
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“तुम्हारे आने-जाने की खबर यूं मिलती है जैसे सुबह अखबार के साथ आयी हो बासी, पुरानी, रोमांच रहित। चाय की
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“तुम्हारी यादें… सच पूछो तो इनमें आखिरी जैसा कुछ नहीं है…. हो भी नहीं सकता…. हां इस बार तुम मिलने
kanch si ek ladki – 9 Read Post »
“जानते हो कई बार ऐसा भी होता है प्रेम में कि एक और एक मिलकर न एक होते हैं न
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“सुनो तुम याद आ रहे हो और तुम्हारी याद का हर लम्हा इस रात की स्याही में घुल कर बरस
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“मेरे सपने महंगे हो गये हैं जबसे मैंने उन्हें पन्ने पर उतारा है. वे बिक रहे हैं किराने की दुकानों
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“कभी-कभी तेरी यादें बेचैन रातों के बाद बिस्तर पर पड़ी सिलवटों सी लगती हैं, जिन्हें हर बार झाड़ कर समेट
kanch si ek ladki – 5 Read Post »
“तुम्हारे जाने के बहुत दिन बाद मैं ले आई थी एक छोटी चिड़िया को घर बिल्कुल तुम्हारी तरह जिद्दी. वह
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